प्रधानमंत्री आवास योजना( ग्रामीण ) महाघोटाला

 प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण ) महा घोटाला -



      प्रिय दोस्तों, गांधी जी ने कहा था कि भारत के विकास का रास्ता गाँवो से होकर जाता है  पर।  अफ़सोस  आज गाँव के विकास संबंधी संस्थायें अकूत भ्रष्टाचार मे डूबी हैं और देश मे एक बहुत बडे घोटाले को अंजाम देकर भारत के विकास को अवरुद्ध कर रही हैं।


      दोस्तों इस महा घोटाले से हमारे ग्रामीण दोस्त भलीभाँति परिचित होंगे।महाघोटाला इसलिये क्योंकि यह नीरव मोदी के 11000 करोड़ से भी अधिक बडा है और यह हमारी आँखो के सामने ,ग्रामीण क्षेत्र मे कार्यरत प्रिंट मीडिया के संवादाताओं के नाक के नीचे और  कुछ भ्रष्टाचार रोधी संघटनों के सामने हो रहा है ।सभी अनजान !सभी मौन ! कहीं कोई जिक्र तक नही ।


     दोस्तो मै बात कर रहा हूँ ,भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना की जो इन दिनो ग्राम प्रधानों व अधिकारियों की लूट का पर्याय बनी हुई है ।प्रत्येक आवास पर 20000 से 30000  रुपये लाभार्थी द्वारा प्रधान को भेंट करना अनिवार्य है नही तो अगली किस्त नही मिलेगी या अन्य भावी योजनाओं से लाभार्थी को वंचित  कर दिया जाता है लाभार्थी  लालच वश  प्रधान जी का  मेहनताना  अर्पित कर देता है।


    दोस्तो 2018-2020 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पूरे देश मे एक करोड़ आवास स्वीकृत हुए । आप अनुमान लगा सकते हैं कि यदि 20000 -30000 रुपये प्रति आवास प्रधानो को दिया जा रहा है तो कितने बडे घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है । तमाम बड़े घोटालों से भी एक बड़ा घोटाला।नीरव मोदी के 11 हजार करोड़ रुपये से भी कहीं बडा घोटाला.यदि उत्तरप्रदेश की बात करें तो हमारे प्रदेश मे लगभग 60000  ग्राम पंचायते हैं ।आप अनुमान कर सकते हैं कि कितना बडा खेल खेला जा रहा होगा।


      दोस्तो जहाँ सभी मौन हैं , हम अपनी छोटी सी पहल से देश, प्रदेश के इस बहुत बडे घोटाले को उजागर  कर   सकते   हैं
। अपने देश को और उन मासूम,गरीब,अशिक्षित  लाभार्थीयों  को भ्रष्ट अधिकारियों ,प्रधानों से बचा सकते हैं। बस हम गुप्त रुप से ही सही, देशहित मे , माननीय न्यायालय ,सरकार ,विभाग और जांच एजंसियों को  प्रधानमंत्री आवास योजना मे चल रही लूट की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस घोटाले की जाँच की माँग कराने संबंधी एक- एक पत्र लिखें।राष्ट्र हित मे हम सबका  यह कर्तव्य है।
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