भारत की आदर्श ग्राम पंचायतें

 
आदर्श ग्राम पंचायत

भारत कीआदर्श ग्राम पंचायतें - 

आज जहाँ देश की अधिकतर  ग्राम पंचायतें गाँधी जी के ग्राम स्वराज से कोसों दूर हैं, वहीं कुछ ग्राम पंचायतें गाँधी जी के ग्राम स्वराज को साकार कर भारत की आदर्श ग्राम पंचायत होने का गौरव प्राप्त किया है।

  आज हम देश की उन आदर्श ग्राम पंचायतों के बारे में जानेंगे कि कैसे इन ग्राम पंचायतों ने अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते  अपनी ग्राम पंचायतों की सूरत  बदल दी है।

 देश मे लगभग ढाई लाख ग्राम पंचायत हैं पर उनमे से कुछ ही ग्राम पंचायतों ने अपनी संवैधानिक शक्ति को पहचाना ,पंचायतीराज के वास्तविक स्वरूप को समझा और आज देश की नम्बर वन ग्राम पंचायत बनकर देश के अन्य पंचायतों के लिए एक आदर्श बन गयी हैं।यहाँ हम एक-एक कर देश की आदर्श ग्राम पंचायतों के बारे में जानेंगे।

देश की आदर्श ग्राम पंचायतों के बारे में जानने से पहले आदर्श ग्राम पंचायत की परिभाषा जाना लेना आवश्यक है।

आदर्श ग्राम पंचायत किसे कहते हैं ?

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अनुसार एक आदर्श ग्राम इस प्रकार होगी कि वह पूर्णतया स्वच्छ हो,गाँव के रास्तों व गलियों में कोई धूल-मिट्टी नही होगी।गाँव मे आवश्यकता अनुसार कुएं होंगे और उनका जल सभी के लिये उपलब्ध होगा।गाँव मे सभी के लिये प्रार्थना स्थल होगा।सार्वजनिक बैठक स्थल ,पशुओं के लिये सार्वजनिक चारागाह ,सहकारी डेयरी ,प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल होंगे जिनमे उद्यौगिक शिक्षा मुख्य घटक होगी और इस गाँव मे विवादों के समाधान के लिये पंचायतें होंगी।गाँव के लिये सब्जियां ,फल ,खाद्यान्न  और खादी का उत्पादन गाँव मे ही होगा।मोटे  तौर पर आदर्श गाँव के प्रति मेरा विचार तो यही है।


    वास्तव मे  एक आदर्श ग्राम पंचायत उस ग्राम पंचायत को कहा जा सकता है जो 73 वें संविधान संशोधन द्वारा प्राप्त 29 विषयों  को ध्यान में रखकर जनसहभागिता ,जनभागीदारी और ग्राम सभा की सहमति के आधार पर ग्राम पंचायत के सभी वर्ग के लोगों का चहुमुखी विकास करें।

दोस्तों  हम आदर्श ग्राम पंचायत की परी परिभाषा से परिचित हो गए हैं  ।अब हम देश की उन  कुछ आदर्श ग्राम पंचायतों के बारे में जानते हैं -


1. पुनसरी ग्राम पंचायत-

पुनसरी ग्राम पंचायत गुजरात राज्य के साबरकंठा जिले में अवस्थित है।इसे एक हाइटेक गाँव का दर्जा दिया जाता है ।पुंसरी ग्राम पंचायत में सड़के ,गलियों और स्कूल में  सी सी टीवी कैमरे लगे हैं।सड़को और गलियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है।ग्राम पंचायत को यदि किसी योजना या जानकरी की उद्घोषणा करनी होती है तो उसके लिये ग्राम पंचायत में जगह जगह लाउडस्पीकर लगे हैं ताकि ग्राम पंचायत की बात आसानी से ग्रामीणों तक पहुंच जाए।गाँव  के प्रत्येक घर को ग्राम पंचायत ने मुफ्त में वाई फाई कनेक्शन दे रखा है ।अभिभावक घर बैठे  स्कूल में अपने बच्चे की गतिविधियों को देख सकते हैं।

गाँव मे सी सी टीवी कैमरा व उद्घोषणा के लिये लाउडस्पीकर



 पुंसरी ग्राम पंचायत ने गाँव के विकास के लिये टेक्नोलॉजी का क्या खूब इस्तेमाल किया  है इसीलिए तो इसे एक हाइटेक ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त है।

पुंसरी ग्राम पंचायत में सवास्थ्य सुविधाओं के लिये ग्राम पंचायत में एक स्वास्थ्य केंद्र की  स्थापना की गई है।यहाँ महिलाओं, बुजर्गों एवं बच्चों को  स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।यही नहीं स्वास्थ्य केंद्र में ही एक छोटी सी लैब की व्यवस्था है जहाँ   ग्रामीणों  की सामान्य बीमारियों के परीक्षण की व्यवस्था है।ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं अपने गांव में ही प्राप्त हो जाती हैं जिससे  न केवल उनके अतरिक्त धन की बचत होती है बल्कि समय की भी बचत होती है।

 पुंसरी ग्राम पंचायत ने युवाओं के कौशल विकास के लिये कौशल विकास केंद्र की भी स्थापना की है जहाँ न केवल पुंसरी ग्राम पंचायत के बल्कि आसपास गाँवों के युवा विभिन्न विषयों जैसे इलेक्ट्रिशियन ,ब्यूटीशियन ,सिलाई कढ़ाई व मेंहदी आदि में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
सरपंच ऑफिस



 पुंसरी ग्राम पंचायत के पास अपना एक शानदार पंचायत भवन है।उस पंचायत भवन  में सरपंच का ऑफिस किसी आईएएस ऑफिसर के ऑफिस से कम नहीं है।ग्राम पंचायत की अपनी वेबसाइट है जहाँ प्रत्येक ग्राम पंचायत सदस्य का ब्यौरा सार्वजनिक है।ग्राम पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता रहे इसलिये प्रत्येक कार्य का ब्यौरा ग्राम पंचायत की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया जाता है।

पुंसरी ग्राम पंचायत के पास खुद का नवीकरणीय बिजली उत्पादन केंद्र है।आरओ प्लांट है।ग्रामीणों की सुविधा के लिये ट्रांसपोर्ट व्यवस्था है।वाई फाई व्यवस्था है।ग्राम पंचायत में अंडरग्राउंड नालियां हैं।मातृत्व मृत्यु दर शून्य है।क्राइम रेट शून्य है।ग्राम पंचायत के कार्यों में ग्राम सभा की सहभागिता एवं जनभागीदारी 100 प्रतिशत है।इन सब कार्यों ने जहाँ पुंसरी ग्राम पंचायत के लोगों की जीवन शैली में अभूतपूर्व परिवर्तन ला दिया वहीं  ग्राम पंचायत ने भी देश की नम्बर वन ग्राम पंचायत होने का गौरव प्राप्त किया।

 पुंसरी गांव  आज देश का नम्बर वन विलेज यूँ नहीं बन गया इसकी विकास की कहानी हिमांशु पटेल नामक एक युवा से शुरू होती है।वर्ष 2006 के पहले पुंसरी गाँव देश के अन्य सामान्य गाँवों की तरह था।पुंसरी ग्राम पंचायत में भी भारत सरकार व राज्य सरकार की तमाम ग्रामीण विकास योजनाएं तो थी पर अन्य ग्राम पंचायत की ही तरह उनका क्रियान्वयन था।सरपंच गाँव के राजा की तरह कार्य करता था। सहभागिता, जनभागीदारी और निर्णय प्रक्रिया में सबकी सहमति का कोई महत्व नहीं था।
 
 वर्ष 2006 में  एक 23 साल का युवा हिमांशु पटेल पुंसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बना।हिमांशु पटेल ने  अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने के इरादों के बल पर पुंसरी गाँव का कायाकल्प कर दिया।

'आत्मा गाँव की सुविधा शहर की' के इरादों से 2006 में जो ग्राम पंचायत के विकास का सफर शरू किया था आज मंजिल तक पहुंच कर देश को गौरवान्वित कर रहा है और देश की अन्य ग्राम पंचायतों के लिये एक रोल मॉडल बन गया है।आज देश विदेश से हर रोज लगभग 200 से 300 लोग पुंसरी ग्राम पंचायत को देखने जाते हैं ।

2. हिवरे बाजार ग्राम पंचायत-

महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में अवस्थित हिवरे बाजार गाँव एक समय नशाखोरी ,बदहाल आर्थिक स्थिति ,गरीबी और गाँव से हो रहे पलायन के लिये जाना जाता था पर 1990 में गाँव के युवा पोपट राव पवार द्वारा गाँव की खस्ताहाल स्थिति को सुधारने की जो पहल की गई उसने वाकई गाँव की तस्वीर ही बदल कर रख दी।

 आज हिवरे बाजार ग्राम पंचायत नशाखोरी, कुपोषण,गरीबी, सूखा ,बंजर जमीन के लिये नहीं बल्कि तरक्की एवं खुशहाली के लिये जाना जाता है।
हिवरे बाजार ग्राम पंचायत भवन



 हिवरे बाजार ग्रामपंचायत  आज देश की उन चुनिंदा ग्राम पंचायतों में से एक है जिसने अपनी इच्छा शक्ति से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार किया है।
 
आज  हिवरे बाजार ग्राम पंचायत स्वच्छता की मिसाल पेश करता है।गाँव मे पक्की ढकी नालियाँ हैं।साफ-सफाई का उचित प्रबंधन है।गाँव के लोग भी अपने गांव को स्वच्छ रखने में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं।ग्राम पंचायत को अपने गाँव की स्वच्छता पर नाज है।आज स्वच्छता के कारण हिवरे बाजार ग्राम पंचायत के लोग कम बीमार पड़ते हैं ।ग्राम पंचायत ने यहाँ तक एलान कर दिया है कि अगर कोई एक भी मच्छर  ढूंढ कर दिखाए तो ग्रामपंचायत द्वारा उसे 500 रुपये का इनाम दिया जायेग ।भारत का है ऐसा कोई गांव ,जो इस तरह से चुनौती पेश करे ,जिसे अपनी स्वच्छता पर गर्व हो।

 अच्छे स्कूल,आरओ वाटर प्लांट ,जल संचयन की बेहतर प्रणाली और ग्राम पंचायत में सबकी सहभागिता व भागीदारी  से हिवरे बाजार ग्राम पंचायत आज सफलता की एक नई इबारत लिख देश की अन्य ग्राम पंचायतों के लिये एक रोल मॉडल, एक आदर्श ग्राम पंचायत बन गया है।

3. थूना कलां ग्राम पंचायत - 

थूना कला ग्राम पंचायत मध्यप्रदेश राज्य के सीहोर जिले में अवस्थित है।थूना कला ग्राम पंचायत एक आदर्श ग्राम पंचायत है।ग्राम पंचायत के पास एक  हाईटेक पंचायत भवन है जिसमे ग्राम प्रधान ,सेक्रेटरी के लिये  अत्यधुनिक ऑफिस  है।मेहमानों के लिये अतिरिक्त कक्ष हैं तथा एक सार्वजनिक हाल है जहाँ ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन किया जाता है।
थूना कला पंचायत भवन का सभागार



थूना कला ग्राम पंचायत इंटरनेट से जुड़ी है जिससे ग्राम पंचायत में हर एक योजना की जानकारी  आम ग्रामीण तक आसानी से पहुंच जाती है।ग्राम पंचायत द्वारा अपने हर एक कार्यों को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है जिससे ग्राम पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहती है।

स्वास्थ्य केंद्र ,बैंकिंग व्यवस्था, बेहतर आधारभूत ढांचा आदि ने थूना कलां ग्राम पंचायत को देश की  एक आदर्श ग्राम पंचायत बना दिया है।


   राजस्थान की नेवादा ग्राम पंचायत ,गुजरात राज्य में समागोगा ग्राम पंचायत और मध्य प्रदेश राज्य के हरदासपुर जिले में निमाचाखुर्द ग्राम पंचायत ऐसी तमाम ग्राम पंचायतें भारत के  प्रत्येक राज्य में हैं जो देश की अन्य ग्राम पंचायतों के लिये आदर्श ग्राम पंचायत बनी हुई हैं ।
 
 आज सोचनीय विषय है जहाँ कुछ ग्राम पंचायतें सफलता की छलांग लगा कर देश दुनिया मे नाम कमा रहीं हैं वहीं अभी भी अधिकांश ग्राम पंचायत सुस्त एवह दयनीय दशा में हैं।


दोस्तों पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।आपको पोस्ट कैसी लगी जरूर बताइएगा ।
 


 
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