कोरोना से कैसे बचें गाँव ?

 कोरोना से कैसे बचें गाँव-


 दोस्तों ,'कोरोना से कैसे बचें गाँव' जानने से पहले एक दृष्टि डालते हैं भारत मे कोरोना की दूसरी लहर और उससे निपटने की हमारी एकजुटता -

  कोविड 19 की दूसरी लहर ने भारत मे हाहाकार मचा दिया है।जिधर देखो उधर लोग कराह रहे हैं ,विलख रहे हैं ,तड़प रहे हैं।तमाम लोगों ने अपनों को खो दिया है,न जाने कितनों के घर  उजड़ गए हैं। पर महामारी अभी जारी है ।जारी है महामारी का तांडव  और जारी है  तांडव से मची  चीत्कार।साथ ही जारी है महामारी से लड़ने की भारत के लोगों की अदम्य शक्ति!जारी है महामारी को परास्त करने की हमारे वैज्ञानिकों ,डॉक्टरों, फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं  और तमाम अनगिनत सेवकों की सेवाभाव।जारी है हमारी जिजीविषा ! जारी है भारत की जिगिशा।

 कोविड 19 की पहली लहर ने भारत को  बहुत अधिक नुकसान नही पहुँचाया था । हाँ आर्थिक नुकसान तो हुआ था, पर मानव त्रासदी नहीं हुई थी। कोविड 19 की दूसरी लहर ने सम्पूर्ण भारत को अपनी चपेट में ले लिया है ।मार्च और अप्रैल 2021  के पहले सप्ताह तक तो महामारी महाराष्ट्र और केरल में अपने भयावह रूप में आगयी थी। इस भयावहता का  अनुमान लगाने में हमारी सरकारों ने घोर लापरवाही की।जिसके कारण देखते देखते  अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक महामारी हिंदी बेल्ट के राज्यों में अपने पैर पसार चुकी थी और जबतक सरकारें समझती तबतक चारों तरफ महामारी का विकराल रूप प्रकट हो चुका था।अस्पतालों में बेड नहीं बचे थे। ऑक्सीजन के अभाव में लोग दम तोड़ रहे थे। आवश्यक दवाओं ,इंजेक्शनों कमी हो गई थी और इसी कमी को देखते हुए कुछ लालची भेड़ियों ने आपदा को अपने स्वार्थ के अवसर में बदला और आवश्यक दवाओं,इंजेक्शनों की कालाबाजारी की।

  सरकारें जगीं, व्यवस्था को सुधारने के लिए युद्धस्तर से कार्य किया ।विदेशी सहायता भी मिली ।सरकारों  के साथ-साथ आम जनमानस से भी जो  बन पड़ा ,महामारी से जूझ रहे लोगों के लिये कुछ न कुछ किया।सबकी एकजुटता से  व्यवस्था में सुधार आया पर अभी भी बहुत बड़े सुधार की आवश्यकता है।


'कोरोना से कैसे बचें गाँव' जानने से पहले जान लेते हैं कोरोना वायरस की व्युत्पत्ति और लक्षण -

   कोरोना वायरस की व्युत्पत्ति चीन के वुहान शहर के सी फ़ूड मार्केट से मानी जाती है।दिसम्बर 2019 में यह वायरस वुहान से होते हुए सम्पूर्ण चीन और फिर विश्व के कई देशों में फैल गया। 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस से उतपन्न बीमारी को समाजिक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित कर दिया।भारत मे कोविड 19 का पहला मार्च 2020 में देखने को मिला।

 

  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को नोवल कोरोना वायरस नाम दिया । नोवल कोरोना वायरस को सार्स कोव 2 (SARS CoV 2) अर्थात सीवियर एक्यूट रिस्पेरेट्री सिंड्रोम  कोरोना वायरस 2  नाम से भी जाना जाता है।सीवियर एक्यूट रिस्पेरेट्री सिंड्रोम कोरोना वायरस 2  अर्थात सार्स कोव 2 से उपजी बीमारी को संछिप्त में कोविड -19 कहतें हैं।

Covid- 19  बीमारी का विस्तृत रूप निम्लिखित है -

Co -   से कोरोना 

Vi -  से वायरस 

D -  से डिजीज 

19 -  2019  में यह बीमारी आई इसलिये इसे कोविड - 19 के रुप मे जाना जाता है।

लक्षण - 

  • तेज बुखार आना
  • गले मे खरास होना
  • सूखी खांसी आना 
  • सर्दी जुखाम होना


   कोरोना और गाँव-

कोरोना की पहली लहर से भारत के गाँव लगभग बचे रहे।लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों की गाँव वापसी पर सख्त निगरानी आदि उपायों ने कोरोना की पहली लहर से हमारे गांव को लगभग अछूता रखा।

 लॉक डाउन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था व्यस्था को बहुत हदतक प्रभावित किया मगर सरकार ने मनरेगा और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूती प्रदान किया ।मनरेगा योजना जहाँ ग्रामीणों , प्रवासी कामगारों  के लिये कोविड महामारी में एक सम्बल बनी ,वहीं  सरकार की अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनायें भी ग्रामीणों के लिये मददगार साबित हुई।जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक चोट नही आई।

 कोविड 19 की दूसरी लहर जो मार्च 2021 के दूसरे सप्ताह से प्रारम्भ हो गई थी और धीरे धीरे सम्पूर्ण भारत को अपनी जद में लेती चली गयी।गाँव क्या शहर हरजगह हाहाकार मच गया।गाँव मे स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर  उसपर अधिकांश ग्रामीण जनता की अज्ञानता की वजह से  गांवों में महामारी  अधिक गम्भीर रूप धारण कर सकती थी।

 उत्तरप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों ने महामारी को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसारित किया।आकंड़े बताते हैं कि पंचायत चुनाव के बाद ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला एवं मौते भी सामान्य से कई गुना  अधिक हुई ।

 आगे शेष है ............. 


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